Thyroid Ke Liye Yogasan

Thyroid Ke Liye Yogasan: 10 योगासनों से करें थायराइड को नियंत्रित

1.प्रस्तावना (Thyroid Ke Liye Yogasan)

थायराइड हमारे गले के सामने वाले हिस्से में स्थित एक ग्रंथि का नाम है, जो तितली के आकार की होती है। इस ग्रंथि का काम हार्मोन बनाना होता है। यदि यह ग्रंथि संतुलित हार्मोन बनाती है, तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है, लेकिन अगर यह ग्रंथि कम या ज्यादा हार्मोन बनाने लग जाए, तब थायराइड की समस्या खड़ी हो जाती है और व्यक्ति के शरीर में कई प्रकार की दिक्कतें हो जाती है। व्यक्ति का वजन या तो बहुत ज्यादा कम होने लग जाता है या बहुत ज्यादा बढ़ना शुरू हो जाता है। थायराइड का कारण हमारी अस्त व्यस्त दिनचर्या, असंतुलित खानपान और तनाव है। आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हमारी दिनचर्या बिगड़ चुकी है और खानपान बिगड़ चुका है। हर व्यक्ति तनाव का शिकार है। इसी कारण आज थायराइड के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। भारत में लगभग 4 करोड़ 20 लाख थायराइड के मरीज हैं और अगर यह संख्या ऐसे ही बढ़ती रही, तो आने वाले टाइम में थायराइड महामारी का रूप धारण कर सकती है। थायराइड की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। थायराइड दो प्रकार का होता है, हाइपरथायराइड इसमें थायराइड ग्रंथि अधिक हार्मोन बनाती है जिससे शरीर का वजन कम होना शुरू हो जाता है। दूसरा हाइपोथायराइड इसमें थायराइड ग्रंथि कम हार्मोन बनाती है, जिससे शरीर का वजन बढ़ने लग जाता है। यदि हम अपनी दिनचर्या को ठीक कर लें और प्रतिदिन नियमित रूप से कुछ योगासनों को करें तो हम थायराइड को नियंत्रित कर सकते हैं और धीरे-धीरे इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। इस आर्टिकल में हम 10 ऐसे आसान से Thyroid ke liye Yogasan के बारे में जानेंगे, जिन्हें हम घर पर स्वयं करके अपनी थायराइड की बीमारी को ठीक कर सकते हैं।

2.थायराइड में योग का प्रभाव (Thyroid ke liye Yogasan)

हमारे स्वास्थ्य को अच्छा बनाने में योग का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है, जहां योग हमारे शरीर के बीमारियों को ठीक करता है, वहीं पूरा दिन हमारे शरीर को ऊर्जावान बनाए रखता है। कुछ विशेष प्रकार के योगासन थायराइड में बहुत ही प्रभावशाली भूमिका निभाते हैं। यदि इन योगासनों को किया जाए, तो हमारे गले में स्थित थायराइड ग्रंथि उत्तेजित होती है और यह संतुलित हार्मोन बनाने लग जाती है, जिससे थायराइड की समस्या में सुधार होता है। योग से हमारा रक्त परिसंचरण बेहतर बनता है और हारमोन स्राव में सुधार होता है। इस प्रकार थायराइड की बीमारी को ठीक करने में योग बहुत ही महत्वपूर्ण है। 

3. इन 10 योगासनों से थायराइड को करो नियंत्रित (Thyroid ke liye Yogasan)

इस आर्टिकल में हम ऐसे 10 योगासनों (Thyroid ke liye Yogasan) के बारे में जानेंगे, जो हमारे गले में स्थित थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करने में सहायक हैं। हमारे शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाते हैं, यदि इन्हें प्रतिदिन नियमित रूप से किया जाए तो थायराइड की बीमारी को ठीक किया जा सकता है। 

1. उज्जयी प्राणायाम

उज्जयी प्राणायाम Thyroid Ke Liye Yogasan में बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे गले में स्थित थायराइड ग्रंथि उत्तेजित होती है और संतुलित हार्मोन बनाने लगती है। उज्जयी प्राणायाम से स्नोरिंग अर्थात सोते समय खर्राटे की आवाज, टॉन्सिल, कंठ विकार आदि रोगों में भी बहुत लाभ मिलता है। यह प्राणायाम आवाज को मधुर बनाता है। इससे बच्चों का हकलाना तुतलाना भी ठीक होता है।

विधि

उज्जयी प्राणायाम करने के लिए किसी भी ध्यान आसन में बैठकर दोनों नासापुटो से सांस भरते हुए (पूरक) गले को सिकोड़ते हैं और जब गले को सिकोड़कर सांस अंदर भरते हैं, तब जैसे खर्राटे लेते समय गले से आवाज होती है, वैसे ही इसमें सांस लेते हुए कंठ से ध्वनि होती है। सांस लेने के बाद 10 सेकंड तक सांस को अंदर ही रोकना है जिसे कुंभक कहा जाता है। इस प्राणायाम में सदैव दाएं नासापुट को बंद करके बाई नासापुट से ही सांस को छोड़ना (रेचक) चाहिए इसे प्रतिदिन 10-10 बार करें।

2. भ्रामरी प्राणायाम

भ्रामरी का अर्थ होता है। भंवरा इसमें नाक से भंवरे के समान आवाज सुनाई देती है। भ्रामरी प्राणायाम से गले की थायराइड ग्रंथि पर दबाव पड़ता है, जिससे वह उत्तेजित हो जाती है। भ्रामरी प्राणायाम हार्मोनल संतुलन बनाने में बहुत लाभदायक है। इस प्राणायाम से डिप्रेशन, माइग्रेन, कैंसर और मानसिक रोगों में बहुत लाभ मिलता है।

विधि 

किसी भी ध्यानात्मक आसन में बैठकर स्वांस को पूरा अंदर भरकर, तर्जनी अंगुली को मस्तिष्क पर, मध्यम उंगलियों से नासिका के मूल में आंख के पास से दोनों ओर से थोड़ा दबाएं ध्यान को आज्ञा चक्कर में केंद्रित रखें, अंगूठे के द्वारा दोनों कानों को पूरा बंद कर लें, अब भंवरे की भांति गुंजन करते हुए नाद रूप में ओम का उच्चारण करते हुए स्वांस को बाहर छोड़ दें। इस प्राणायाम को प्रतिदिन 11 से 21 बार तक करने से थायराइड में बहुत जल्दी सुधार देखने को मिलता है।

3. सिंहासन

सिंहासन का अर्थ है शेर के समान आकृति बनाना। सिंहांसन Thyroid Ke Liye Yogasan में एक महत्वपूर्ण आसन है । सिंहासन करने से टॉन्सिल, थायराइड व अन्य गले संबंधी रोग ठीक होते हैं। यह आसन कान के रोगों व स्पष्ट उच्चारण में लाभकारी है। जो बच्चे तूतलाकर कर बोलते हैं उनके लिए भी यह बहुत महत्वपूर्ण है।

विधि

वज्रासन में बैठकर घुटनों को थोड़ा खोल कर रखें। हाथों की उंगलियां घुटनों में पीछे की ओर करके पैरों के बीच सीधा रखें। श्वास अंदर भरकर गर्दन ऊपर उठाते हुए जीभ को बाहर निकालते हुए,स्वांस बाहर निकालिए और शेर की तरह गर्जना कीजिए। इस प्रकार पांच से 10 बार करना चाहिए सिंहासन करने के बाद हल्के हाथ से गले की मालिश कीजिए ताकि गले में खराश ना हो।

4. भुजंगासन 

भुजंग आसन का अर्थ होता है सांप के समान आकृति बनाना। भुजंगासन करने से गले पर दबाव पड़ता है और थायराइड की बीमारी में लाभ होता है। यह आसन सर्वाइकल,स्पॉन्डिलाइटिस व स्लिप डिस्क आदि समस्त मेरुदंड के रोगों के लिए भी लाभदायक है।

विधि

पेट के बल लेट जाइए। हाथों की हथेलियां भूमि पर रखते हुए, हाथों को छाती के दोनों ओर रखें। बाजू को पूरा खोलते हुए स्वांस अंदर भरकर चेहरे और छाती को ऊपर उठाएं। नाभि के पीछे वाला भाग भूमि पर टिका रहे। सिर को ऊपर उठाते हुए गर्दन को जितना पीछे की ओर मोड़ सकते हैं मोड़ना चाहिए। इस स्थिति में करीब 30 सेकंड रहना चाहिए। इस आसन को प्रतिदिन 20 से 25 बार करना चाहिए।

5. सर्वांगासन 

इसे शोल्डर स्टैंड पोजीशन भी कहा जाता है। यह आसन थायराइड को सक्रिय एवं स्वस्थ बनाता है इस आसन से मस्तिष्क में रक्त संचार बेहतर होता है। यह अंत स्त्रावी ग्रंथियां को प्रभावित करता है और हारमोनल संतुलन को बहाल करने में मदद करता है। इस आसन से मोटापा, दुर्बलता, कदवृद्धि में कमी एवं थकान आदि विकार दूर होते हैं।

विधि 

पीठ के बल लेट जाएं सांस लेते हुए दोनों पैरों को 45 डिग्री तक उठाएं और फिर धीरे-धीरे 90 डिग्री के कोण पर उठाएं, दोनों हाथों से कमर के हिस्से को सहारा दें और धीरे-धीरे दोनों पैरों को पूरा ऊपर उठाएं, आपके पैर पीठ और कमर एक सीधी रेखा में होने चाहिए। कुछ देर इसी स्थिति में रहे धीरे-धीरे यह आसन करने का समय बढ़ाया जा सकता है। इसे 2 मिनट से शुरू करके आधे घंटे तक किया जा सकता है। वापस आते समय पैरों को सीधा रखते हुए पीछे की ओर थोड़ा झुकाए, दोनों हाथों को कमर से हटाकर भूमि पर सीधा कर दें, अब हथेलियां से भूमि को दबाते हुए जिस क्रम से उठे थे, उसी क्रम से धीरे-धीरे पहले पीठ और फिर पैरों को भूमि पर सीधा करें। जितने समय तक सर्वांगासन किया जाए, लगभग उतने ही समय तक शवासन में विश्राम करें।

6. हलासन 

हलासन का अर्थ है शरीर की हल के समान आकृति बनाना। इस आसन को करने से थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित किया जा सकता है जिससे वह संतुलित हार्मोन बनाने लगती है। इस आसन से मोटापा, बौनापन और दुर्बलता दूर होती है यह आसान मेरुदंड को स्वस्थ और लचीला बनाता है।

विधि

पीठ के बल लेट जाएं। अब श्वास अंदर भरते हुए धीरे-धीरे पैरों को उठाएं पहले 30 डिग्री, फिर 60 डिग्री, फिर 90 डिग्री तक उठाने के बाद पैरों को सिर के पीछे की ओर पीठ को भी ऊपर उठाते हुए श्वास बाहर निकालते हुए ले जाएं, पैरों को सिर के पीछे भूमि पर टिका दें। स्वांस की गति सामान्य रहेगी। प्रारंभ में हाथों को सुविधा की दृष्टि से कमर के पीछे लगा सकते हैं, बाद में हाथ भूमि पर ही रखें। इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहे। वापस आते समय जिस क्रम से ऊपर आए थे, उसी क्रम से भूमि को हथेलियां से दबाते हुए पैरों को घुटनों से सीधा रखते हुए भूमि पर टिकाएं।

7. उष्ट्रासन

उष्ट्रासन का अर्थ है ऊंट के समान आकृति बनाना। यह मुद्रा गर्दन को खींचकर थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करती है और ग्रंथि में रक्त परिसंचरण को बढ़ाती है। इस आसन से थायराइड की बीमारी में बहुत राहत मिलती है।

विधि

वज्रासन में बैठें। धीरे-धीरे घुटनों के बल खड़े हो जाएं। धीरे-धीरे अपने शरीर को पीछे की ओर झुकाए, और अपने हाथों से अपने पैरों को पकड़ने की कोशिश करें, 30 सेकंड तक इसी अवस्था में रहे, और फिर वापस पहले वाली स्थिति में आ जाएं। इस आसन को प्रतिदिन 5 से 10 बार करें।

8. सेतुबंध आसन

इस आसन को ब्रिज पोश्चर भी कहा जाता है। यह थायराइड की कार्य क्षमता में सुधार के लिए एक लाभकारी योग मुद्रा है। इस आसन में गर्दन के क्षेत्र में खिंचाव महसूस होता है, जिस कारण गर्दन में स्थित थायराइड ग्रंथि उत्तेजित होती है और संतुलित हार्मोन बनाने लग जाती है। यह Thyroid Ke Liye Yogasan में एक महत्वपूर्ण आसन है ।

विधि

पीठ के बल लेट जाएं। धीरे से दोनों घुटनों को मोड़िए और अपने पैरों को जमीन पर रखें। अपने हाथों को अपने शरीर के समानांतर जमीन पर रखें और अपने टकने को पकड़ने की कोशिश करें। फिर धीरे-धीरे शरीर को जमीन से ऊपर उठाएं सांस लें और छाती क्षेत्र कमर और पेट को ऊपर उठाएं। जांघों को एक दूसरे के समानांतर रखें। 20 सेकंड के लिए इसी मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे वापिस पहले वाली स्थिति में आ जाएं। यह आसन 5 से 10 बार प्रतिदिन करें।

9. ग्रीवा चालन 

ग्रीवा चालन का अर्थ होता है, गर्दन को अलग-अलग तरह से मोड़ना। इस क्रिया से गर्दन की पूरी एक्सरसाइज हो जाती है। यह आसन गले के सभी रोगों के लिए लाभदायक है। इस आसन से टॉन्सिल, थायराइड, स्नोरिंग इत्यादि में बहुत लाभ मिलता है। यह Thyroid Ke Liye Yogasan में एक महत्वपूर्ण आसन है ।

विधि

इस आसन को किसी भी स्थिति में किया जा सकता है। इसे बैठकर या खड़े होकर भी कर सकते हैं। ग्रीवा चालन में चार स्थितियां हैं। सबसे पहले गर्दन को ऊपर नीचे करना चाहिए। सांस भरते हुए ऊपर देखें ताकि गले में पूरा खिंचाव महसूस हो। सांस छोड़ते हुए ठोडी को छाती से लगाइए। इसे 10 बार करें। दूसरी स्थिति में कान को कंधे से लगाने की कोशिश करें जिससे गर्दन के साइड में खिंचाव पड़ता है, और फिर वापस पहले वाली स्थिति में आ जाएं। फिर दूसरी तरफ कान को कंधे से लगाए इसे भी 10 बार करें। तीसरी स्थिति में कंधे के ऊपर से पीछे देखें कुछ सेकंड रोकें, फिर वापिस। फिर दूसरी तरफ कंधे के ऊपर से पीछे देखें। इसे भी 10 बार करें। चौथी स्थिति में गर्दन को गोल-गोल घूमना है। आंखें खुली रखें और धीरे-धीरे गर्दन को शून्य बनाते हुए पहले क्लाकवाइज फिर एंटी क्लाकवाइज 10- 10 बार घुमाएं।

10 .सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार सूर्य का अभिवादन करने के लिए किया जाने वाला एक प्राचीन आसन है।  इसमें 12 आसन किए जाते हैं, जिससे पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है । सूर्य नमस्कार शरीर को सही आकार देने के लिए और मन को शांत और स्वस्थ रखने के लिए सबसे बढ़िया योगासन है। यदि किसी व्यक्ति के पास कम समय है, और वह कम समय में ही फिट रहना चाहता है, तो सूर्य नमस्कार सबसे अच्छा विकल्प है। सूर्य नमस्कार प्रातः काल में खाली पेट करना चाहिए। सूर्य नमस्कार से व्यक्ति का ब्लड सरकुलेशन ठीक रहता है, शरीर चुस्त, दुरुस्त और लचीला बनता है इससे Fat Burning होता है सूर्य नमस्कार से शरीर की मांसपेशियां और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। सूर्य नमस्कार थायराइड की समस्या को ठीक करने के लिए भी बहुत उपयोगी है। सूर्य नमस्कार Thyroid Ke Liye Yogasan में एक महत्वपूर्ण आसन है ।

विधि

सूर्य नमस्कार के 12 चरणों में निम्नलिखित 7 आसान किए जाते हैं : प्रणामासन, हस्तोत्तानासन, पादहस्तासन, अश्व संचलानासन, अधो मुख श्वानासन अथवा पर्वतासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन। सूर्य नमस्कार के 12 चरण इस प्रकार हैं: – सूर्य की ओर मुख करके सीधे खड़े हो जाएं। 1 प्रणाम आसन, 2 हस्तोतानासान, 3 पादहस्तासन, 4 दक्षिण अश्वसंचालनासन, 5 पर्वतासन, 6 अष्टांग आसान, 7 भुजंगासन, 8 पर्वतासन, 9 वाम अश्वसंचालन आसन, 10 पादहस्तासन, 11 हस्तोतानासन, 12 प्रणाम आसन। इस प्रकार एक राउंड पूर्ण होता है। प्रतिदिन कम से कम 10 बार सूर्य नमस्कार करें।

निष्कर्ष

वर्तमान समय में थायराइड की समस्या गंभीर रूप धारण करती जा रही है, लेकिन यदि हम अपने जीवन शैली को सुधारें, अपने खान-पान पर ध्यान दें, तनाव को खुद से दूर भगाएं, और ऊपर बताए गए 10 योगासन (Thyroid ke liye Yogasan) सुबह खाली पेट नियमित रूप से करें, तो हम थायराइड की समस्या पर जीत हासिल कर सकते हैं, और थायराइड की बीमारी को दूर भगा सकते हैं, लेकिन फिर भी यदि समस्या गंभीर हो जाए, तो हमें अच्छे डॉक्टर की परामर्श से दवाई लेनी चाहिए। दवाई के साथ ऊपर बताई गई बातों का भी ध्यान रखें, और इन योगासनों को भी प्रतिदिन करते रहें। यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी हो, तो आप हमारे दूसरे आर्टिकल भी जरूर पढ़ें, और नीचे कमेंट करके बताएं कि आप इन 10 योगासनों (Thyroid ke liye Yogasan) में से कौन-कौन से योगासन किया करोगे।

1 thought on “Thyroid Ke Liye Yogasan: 10 योगासनों से करें थायराइड को नियंत्रित”

  1. बहुत ही जबरदस्त योगाभ्यास राकेश जी और संजय जी का बहुत-बहुत धन्यवाद

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